Bhawani Prasad Mishra Sanchayan भवानीप्रसाद मिश्र संचयन

Author

Publisher

Language

Edition

2024

ISBN

9789387919358

Pages

488

Cover

Hardcover

Size

23*5*15(L*B*H)

Weight

710 Gm

Item Code

9789387919358

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Description

भवानीप्रसाद मिश्र संचयन –

भवानीप्रसाद मिश्र दूसरे तार सप्तक के एक प्रमुख कवि हैं। मिश्र जी विचारों, संस्कारों और अपने कार्यों से पूर्णतः गाँधीवादी हैं। गाँधीवाद की स्वच्छता, पावनता और नैतिकता का प्रभाव और उसकी झलक भवानीप्रसाद मिश्र की कविताओं में साफ़ देखी जा सकती है। उनका प्रथम संग्रह ‘गीत-फ़रोश’ अपनी नयी शैली, नयी उद्भावनाओं और नये पाठ-प्रवाह के कारण अत्यन्त लोकप्रिय हुआ। भवानीप्रसाद मिश्र उन गिने-चुने कवियों में थे जो कविता को ही अपना धर्म मानते थे और आमजनों की बात उनकी भाषा में ही रखते थे। वे ‘कवियों के कवि’ थे। मिश्र जी की कविताओं का प्रमुख गुण कथन की सादगी है। बहुत हल्के-फुल्के ढंग से वे बहुत गहरी बात कह देते हैं जिससे उनकी निश्छल अनुभव सम्पन्नता का आभास मिलता है। इनकी काव्य-शैली हमेशा पाठक और श्रोता को एक बातचीत की तरह सम्मिलित करती चलती है। मिश्र जी ने अपने साहित्यिक जीवन को बहुत प्रचारित और प्रसारित नहीं किया। मिश्र जी मौन निश्छलता के साथ साहित्य-रचना में संलग्न थे।

यह संचयन भवानीप्रसाद मिश्र की विविध रचनाओं के साथ ही उनकी प्रतिनिधि कविताओं को भी पढ़ने का सुख देगा।

Additional information
Weight 0.72 kg
Dimensions 23 × 4 × 15 cm
Author

Publisher

Language

Edition

2024

ISBN

9789387919358

Pages

488

Cover

Hardcover

Size

23*5*15(L*B*H)

Weight

710 Gm

Item Code

9789387919358

About the Author
"सम्पादक - अमिताभ मिश्र - 'भवानी प्रसाद मिश्र संचयन' का सम्पादन उनके सबसे बड़े पुत्र और शास्त्रीमय गायक अमिताभ मिश्र ने किया है। पुस्तक में अमिताभ मिश्र की इकतालीस पृष्ठों की भूमिका के रूप में जिन प्रसंगों से पाठकों को अवगत कराया है वह द्रवित कर देता है। भूमिका पढ़ते हुए प्रतीत होता है कि इसमें अमिताभ ने अपनी प्रेममय ऊर्जा उड़ेल दी है। एक कवि को समीक्षक के रूप में देखने के अलावा एक पुत्र-दृष्टि भी होती है जिसने कविता को जन्म लेते और गहराई से धीरे-धीरे पोषित होते देखा होता है।अमिताभ मिश्र आकाशवाणी के उच्च श्रेणी के संगीत नियोजक और गायक रहे हैं। ★★★★★ लेखक - भवानीप्रसाद मिश्र - हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गाँधीवादी विचारक थे। बीसवीं सदी की हिन्दी कविता में अपने अलग काव्य मुहावरे और भाषा-दृष्टि के साथ-साथ स्वदेशी चेतना की तेजस्विता और कविता की प्रतिरोधक आवाज़ की पहचान बने कविश्री भवानीप्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च, 1913 को ज़िला होशंगाबाद के नर्मदा तट के एक गाँव टिगरिया में हुआ। 1930 में उन्होंने लिखा 'जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख।' जीवन की शुरुआत मध्य प्रदेश के ही बैतूल ज़िले

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