Bijan Bhattach Arya ke Do Natak बिजन भट्टाचार्य के दो नाटक

Author

Publisher

Language

Edition

2024

ISBN

9789326350723

Pages

148

Cover

Hardcover

Size

23*2*15(L*B*H)

Weight

290 gm

Item Code

9789326350723

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Description

बिजन भट्टाचार्य के दो नाटक –

बांग्ला नाटककार बिजन भट्टाचार्य के दो नाटकों नवान्न और जबानबन्दी का हिन्दी रूपान्तर । रूपान्तरकार हैं-नाट्य समालोचक और सम्पादक नेमिचन्द्र जैन । बांग्ला रंग-परम्परा में ही नहीं समूची भारतीय रंग-परम्परा में, विशेषतः उसकी सामाजिक और राजनीतिक चेतना की धारा में, इन नाटकों का विशेष महत्त्व है। अपनी मार्मिकता और व्यापक सरोकारों के कारण वे अब भी रंग-प्रासंगिक हैं । हमारे देश में राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन का संघर्ष कितने स्तरों पर सक्रिय और व्यापक रहा है, इसे जानने में ऐसी कृतियों से मदद मिलती है। इनसे हमें यह ज्ञात होता है कि रंग-संघर्ष के आधुनिक काल में भी कितनी लम्बी और कठिन गाथा रही है, कितनी उजली और कितनी रोमांचक भी।

जबानबन्दी (अन्तिम अभिलाषा) का अनुवाद इप्टा द्वारा अकाल पीड़ित बंगाल के लिए धन इकट्ठा करने की गरज से बम्बई में प्रदर्शन के समय किया गया था । बम्बई में इसके प्रदर्शन के बाद पृथ्वीराज कपूर, बलराज साहनी जैसे कलाकारों ने झोली फैलाकर अकाल-पीड़ितों के लिए धन एकत्र किया था। ये प्रदर्शन बहुत सफल हुए और । भूखा है बंगाल नाम से नाटक, गीत, नृत्य के इस पूरे कार्यक्रम का देश के कई शहरों में प्रदर्शन हुआ।

भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा इन दुर्लभ नाट्य- कृतियों का नया संस्करण निश्चित ही पाठकों के लिए संग्रहणीय हागा ।

Additional information
Weight 0.29 kg
Dimensions 23 × 2 × 15 cm
Author

Publisher

Language

Edition

2024

ISBN

9789326350723

Pages

148

Cover

Hardcover

Size

23*2*15(L*B*H)

Weight

290 gm

Item Code

9789326350723

About the Author
"बिजन भट्टाचार्य - तत्कालीन बंगाल और अब बांग्ला देश के फरीदपुर जिले के खानखोनापुर में 1915 में जन्म । उच्च शिक्षा कोलकाता में। 1938-39 में 'आनन्द बाजार' पत्रिका से सम्बद्ध । पहली कहानी 1940 में प्रकाशित। 1942-43 में साम्यवादी दल के सदस्य बने । इप्टा द्वारा उनकी रचना जबानबन्दी तथा अक्टूबर 1944 में उनके विख्यात नाटक नवान्न की प्रस्तुतियाँ । 1944 में महाश्वेता देवी से विवाह और 1948 में उनके बेटे नवारुण का जन्म। उसी वर्ष इप्टा से सम्बन्ध-विच्छेद। 1950-51 में 'कोलकाता थिएटर' की स्थापना । रंगमंच के साथ-साथ फ़िल्मों में काम एवं 1965 में 'सुवर्णरेखा' फ़िल्म में बड़ी भूमिका का निर्वाह । 1970 में 'कवच कुण्डल' नामक नाट्य-मण्डली की स्थापना । लगभग पच्चीस एकांकी और नाटकों की रचना । नाटककार के साथ-साथ स्वयं कुशल अभिनेता और निर्देशक भी। 1978 में निधन। ★★★ नेमिचन्द्र जैन (1919-2005) - कवि, समालोचक, नाट्य-चिन्तक, सम्पादक, अनुवादक व शिक्षक । शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेज़ी) राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में वरिष्ठ प्राध्यापक (1959-76), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कला- अनुशीलन केन्द्र के फेलो एवं प्रभारी

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